रविवार, 11 दिसंबर 2022

Obstructive sleep apnea

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (obstructive sleep apnea)-

         बप्पी लहरी जी इस दुनिया में नहीं रहे। 69 की उम्र में उनका निधन हो गया। बॉलीवुड के महान सिंगर और कम्पोजर को, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया (obstructive sleep apnea) की वजह से उनकी जान गई।
         यह बेहद कॉमन स्लीपिंग डिसऑर्डर है। मतलब इस बीमारी में सोते वक्त ज्यादा समस्या होती है। 
      
          ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप ऐप्निया में सोते वक्त मरीज का गला चोक हो जाता है।  इस वजह फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में सीने की मांसपेशियों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। इस बीमारी के और लक्षण, वजह और रिस्क फैक्टकर आप यहां जान सकते हैं।

खर्राटे लेते हैं तो हो जाएं सावधान

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया में मरीज के गले की मसल्स सोते वक्त स्वांसनली में बार-बार रुकावट पैदा करने लगती हैं। खर्राटे लेना भी इसका एक लक्षण है। 

जानें इस बीमारी के सामान्य लक्षण

1-तेज खर्राटे लेना।

2-दिन के वक्त ज्यादा नींद आना।

3-सोते वक्त सांस रुकना या गला चोक हो जाना।

4-सांस रुकने या गला चोक होने से नींद खुल जाना।

5-सोते वक्त मुंह सूखना और गला चिपकना।

6-सुबह के वक्त सिर में दर्द।

7-हाई ब्लड प्रेशर।

कब मिले डॉक्टर से

1-अगर सोते वक्त आपके खर्राटे से आपकी या दूसरों की नींद खुल जाती है।

2-गला चोक होकर नींद खुल जाती है।

3-सोते वक्त सांस रुक जाती है।

4-दिनभर आलस आता है। आप टीवी देखते या ड्राइविंग के वक्त भी सोने लगते हैं।

रिस्क फैक्टर्स

अगर आपका वजन ज्यादा है। आप पुरुष हैं। 40 से 70 के बीच उम्र है। आपको बचपन से टॉन्सिल्स की समस्या होती रहती है। ब्लड प्रेशर हाई रहता है। अक्सर रात में नाक जाम हो जाती है। आप स्मोकर हैं। आपको डायबिटीज, दिल की बीमारी या अस्थमा है।

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

बुधवार, 7 दिसंबर 2022

Pneumonia

World Pneumonia Day 2022: 

विश्व निमोनिया दिवस हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है.
- इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने और इसकी गंभीरता उजागर करने के उद्देश्य को लेकर इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई।
-इस साल 'स्टॉप निमोनिया, एवरी ब्रीथ काउंट्स' थीम पर इस दिन को मनाया जाएगा.

निमोनिया -
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह बैक्टीरिया, वायरस अथवा पेरासाइट्स के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा निमोनिया सूक्ष्म जीव, कुछ दवाओं, और अन्य रोगों के संक्रमण से भी हो सकता है।

निमोनिया के लक्षण  (Pneumonia Symptoms)
निमोनिया होने पर ये लक्षण हो सकते हैंः- 
1. निमोनिया होने पर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। ये लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेजी से विकसित हो सकते हैं।
2. निमोनिया का मुख्य लक्षण खाँसी है।
3. रोगी कमजोर और थका हुआ महसूस करता है।
4. बलगम वाली खाँसी से ग्रस्त होना।
5. रोगी को बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी भी हो सकती है।
6. रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है, या फिर वो तेजी से सांस लेने लगता है।
7. सीने में दर्द होना।
8. बेचैनी महसूस होना।
9. भूख कम लगना।

छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण (Pneumonia Symptoms in Children)
1. छोटे बच्चों को बुखार के साथ पसीना व कंपकंपी होने लगती है।
2. जब बच्चों को बहुत ज्यादा खाँसी हो रही हो।
3. अस्वस्थ दिख रहा हो।
4. भूख ना लग रही हो।
     
अगर आपके नजदीक में ऐसी कोई परेशानी हो तो आप तुरंत ही अपने नजदीकी चेस्ट पल्मोनरी विशेषज्ञ की सलाह ले।
धन्यवाद

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

COPD

#World COPD Day 2022

COPD- क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ फेफड़ों से जुड़ा एक ऐसा रोग है, जिसमें मरीज़ को सांस लेने में काफी दिक्कत आती है। फेफड़े बहुत स्पॉन्जी होते हैं, लेकिन सीओपीडी एक ऐसा रोग है जिसमें लंग स्टिफ हो जाते हैं एवम् मरीज़ों को सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन उनके शरीर में पूरी तरह नहीं पहुंच पाती। 

क्या हैं सीओपीडी के लक्षण
         सीओपीडी रोग में मरीज़ को सांस लेने में परेशानी होना, गहरी सांस लेना, सांस लेने के लिए सीने की मांसपेशियों और गर्दन का प्रयोग करना, कफ, खांसी, जुकाम, सीने में जकड़न, वज़न कम होना, दिल से जुड़ी समस्याएं आदि लक्षण देखे जा सकते हैं। ये लक्षण लंबे समय तक चलते हैं और समय के साथ-साथ मरीज़ की हालत भी बिगड़ती जाती है।

क्या हैं सीओपीडी के कारण
1. तंबाकू स्मोकिंग
2. वायु प्रदूषण
3. घरेलू स्मोकिंग- चूल्हा स्मोक
4.  फैक्ट्री वायु प्रदूषण
 
लंग अटैक रोकने के उपाय-
 1. तम्बाकू स्मोकिंग बंद करें।
 2. नियमित रूप से अपने फेफड़ों की  चेस्ट विशेषज्ञ से परामर्श एवम् श्वास नलियों का नियमित परीक्षण।
3. चेस्ट विशेषज्ञ के द्वारा दी गई दवाई एवम् इन्हेलर का नियमित सेवन।
4. टीकाकरण- प्रत्येक वर्ष मौसमी बीमारियों का 50 साल के बाद जरूरी टीकाकरण करवाएं।
5. Pulmonary rehabilitation- नियमित श्वास नलियों की एक्सरसाइज
6. नियमित श्वास नली का परीक्षण- प्रत्येक 3-4 महीने.

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

सोमवार, 5 दिसंबर 2022

खाँसी (Cough)

खांसी (COUGH)
      खांसी (Cough) एक आम समस्या है। आमतौर पर जिंदगी में हमें इसका सामना कई बार करना पड़ता है। 

"हर खांसी टी बी नहीं होती, खांसी हो तो अवश्य जांच करवाएं"

खांसी की समस्या क्या है? (What is Cough)
            खांसी एक रिएक्शन है, जो हमारा शरीर श्वसन मार्ग या फेफड़ों में किसी इंफेक्शन या बाहरी तत्व के आने से देता है।

खांसी के लक्षण (Cough Symptoms)

 खांसी के गंभीर लक्षण
            अगर आपको खांसी के साथ ये लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह  फेफड़ों की गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है।

1. भूख कम लगना

2. वजन घटना

3. खाना या पानी निगलने में दिक्कत

4. बलगम के साथ खून आना

5. थकान महसूस होना

            हालांकि, खांसी खुद एक लक्षण की तरह है। मगर इसके साथ आपको कुछ और लक्षण भी दिख सकते हैं। जैसे-

1. गले में खराश

2. बुखार

3. ठंड लगना

4. सांस की नली में सूजन

5. गले में दर्द

6. छाती में दर्द

7. नाक का बहना

8. बदन दर्द

9. सिरदर्द

10. उल्टी

11. साइनस इंफेक्शन, आदि

खांसी किन कारणों से हो सकती है? (Causes of Cough)
          खांसी के कारण उसके प्रकार पर निर्भर कर सकते हैं। जैसे-

I. सूखी या ड्राई कफ- इस प्रकार की खांसी के पीछे सांस मार्ग या फेफड़ों में बैक्टीरियल व वायरल इंफेक्शन, सर्दी, फ्लू, अस्थमा, एलर्जी, धूल-मिट्टी, साइनसाइटिस, लैरींगाइटिस आदि कारण हो सकते हैं।

II. बलगम वाली खांसी- इसके पीछे फ्लू, निमोनिया, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ठंड लगने जैसी समस्या कारण हो सकती है।

खांसी की जांच
      खांसी के पीछे का कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर चेस्ट एक्सरे, सीटी स्कैन या बलगम के नमूने की जांच आदि करवाने के लिए कह सकता है।

खांसी से बचाव-

1. खांसते-छींकते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।

2. मास्क का उपयोग करें।

3. ठंडी चीजें न खाएं।

4. धूल-मिट्टी वाली जगह या बदलते मौसम में सावधानी बरतें।

5. स्मोकिंग न करें।

6. इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चीजें खाएं।

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

Allergic Rhinitis

World Allergy Week 2022 (5-11june)

एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis/Bronchitis)

आइए जानते हैं इसके प्रमुख लक्षण- 
1 लगातार छींकें आना और नाक से पानी जैसा तरल पदार्थ का लगातार बहना। 

2 नाक, आंख, तालू में खुजली होना। 
3 नाक बंद होना और सिरदर्द बना रहना।

 
प्रमुख कारण - बदलता हुआ मौसम, तापमान में अचानक परिवर्तन, धूल-मिट्टी, नमी, प्रदूषण, जानवरों के रेशे एवं बाल का शरीर में प्रवेश के साथ ही पेड़ और  परागकणों के शरीर में प्रवेश करने या त्वचा पर लगने से होने वाली प्रतिक्रिया।

कितनी है खतरनाक -  वैसे तो यह बीमारी जानलेवा नहीं होती, लेकिन आपकी सामान्य दिनचर्या को अत्यधिक प्रभावित करने में सक्षम होती है । इसका सही वक्त पर ठीक और सफल उपचार नहीं होने पर दमा/अस्थमा, फंगल इन्फेक्शन/ एलर्जी एवम्  अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है।

क्या रखें सावधानियां -  
1  धूल व धुंए से बचें और तापमान में अचानक परिवर्तन होने पर बचाव करें। 
2  मुंह और नाक पर मास्क का इसतेमाल करें। इसके अलावा बाल वाले जानवरों से दूर ही रहें। 
3 यदि घर में वैक्यूम क्लीनर हो, तो झाडू की जगह उसका इस्तेमाल करें । 
4  पर्दे, चादर, बेडशीट व कालीन में नमी न लगने दें, समय-समय पर इन्हें धूप दिखाते रहें। 
5 अधिक एलर्जी होने पर सुरक्ष‍ित दवाओं का प्रयोग करें या एलर्जी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

BRONCHIECTASIS

BRONCHIECTASIS-
              ब्रोन्किइक्टेसिस एक ऐसा रोग है जिसमें फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली श्वसन नलियां (Bronchial tubes) स्थिर रूप से क्षतिग्रस्त, चौड़ी या उनकी परत मोटी हो जाती हैं। इन क्षतिग्रस्त वायु नलियों से बैक्टीरिया फेफड़ों में आसानी से चले जाते हैं और बलगम पैदा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप बार-बार संक्रमण होना और वायुमार्ग रुकने जैसी समस्याएं होती हैं।

ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षण - 

1. लंबे समय तक रोजाना खांसी होना 
2. खांसी के साथ खून आना 
3. सांस लेने के दौरान छाती से घरघराहट या कोई असामान्य आवाज़ आना
4. सांस फूलना 
5. छाती में दर्द 
6. रोजाना खांसी में अधिक मात्रा में गाढ़ा बलगम निकलना
7. वजन घटना 
8. थकान 
9. नाखूनों के नीचे की त्वचा मोटी बनना (Clubbing)
10. बार-बार श्वसन तंत्र में संक्रमण होना 

    यदि आपको उपरोक्त मे से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको जल्द से जल्द  चेस्ट/ रेस्पिरेटरी डॉक्टर के पास जाकर स्थिति की जांच व उसका इलाज करवा लेना चाहिए।

ब्रोन्किइक्टेसिस के बचाव - 

1. धूम्रपान, दूषित हवा, खाना पकाने के दौरान निकलने वाले धुएं और केमिकल आदि से बचाव रखने से आपके फेफड़े सुरक्षित रहते हैं और आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। 

2. आपको और आपके बच्चों को फ्लू, काली खांसी और खसरा आदि से बचाव रखने वाले टीके लगवा लेने चाहिए 

 

ब्रोन्किइक्टेसिस का इलाज - 

     ब्रोन्किइक्टेसिस का इलाज संभव नहीं है लेकिन इससे होने वाली समस्याओं को मैनेज करने के लिए इलाज की आवश्यकता पड़ती है। 

A. श्वसन नलियों को साफ करने के तरीके (जैसे ब्रिथिंग एक्सरसाइज और छाती की फिजियोथेरेपी)
पल्मोनरी रिहेबिलेशन (Pulmonary rehabilitation)
B. टीकाकरण - श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमण की रोकथाम करने के लिए टीकाकरण करवाना।
C. संक्रमण का इलाज और उसकी रोकथाम करने के लिए (केवल चेस्ट/रेस्पिरेटरी विशेषज्ञ की सलाह से) एंटीबायोटिक दवाएं लेना, 
श्वसन नलियों को खोलने के लिए ब्रोन्कोडायलेटर्स, 
बलगम को पतला करने वाली दवाएं 
एक्सपेक्टोरेंट्स 
D.ऑक्सीजन थेरेपी 

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

PLEURAL EFFUSION

PLEURAL EFFUSION (प्ल्यूरल इफ्यूजन)- Happy Case Series Story✌️
          प्ल्यूरल इफ्यूजन एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों के बाहर अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ इकट्ठा हो जाता है। 
 
 हमने यहां कुछ प्ल्यूरल इफ्यूजन के मरीज के बारे में बताएंगे-
A. पहले दो मरीज है जिसमें 15 दिन में मरीज पूरी तरह ठीक हो गया- जो कि चेस्ट में परेशानी सुरु होने के तुरंत बाद ही इलाज शुरू कर दिया।
B. तीसरे और चौथे मरीज में मरीज को पूरी तरह ठीक होने में 4-5 महीने लगे - जो कि चेस्ट में परेशानी सुरु होने के तुरंत बाद नहीं आए ।

 
कैसे होती है प्ल्यूरल इफ्यूजन बीमारी 
 
पतली सी जगह में जब तरल पदार्थ जमने लगता है तो सांस लेने में परेशानी होती है
- छाती में दर्द
- सांस फूलना 
- गहरी सांस लेने में दर्द होना
-खांसी होने पर दर्द होना 
- दम घुटना 
 
      यदि आपको किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है लेकिन लगातार छाती में दर्द होना, खांसी होना, दम घुटना, सांस लेने में परेशानी होना जैसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत अपने नजदीकी चेस्ट रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। 
 
प्ल्यूरल इफ्यूजन से बचाव के उपाय
 
- ध्रूमपान नहीं करें
- शराब का सेवन नहीं करें
- निमोनिया के इलाज में लापरवाही नहीं बरतें
- हार्ट फेलियर नहीं हो ध्यान रखें।
 
प्ल्यूरल इफ्यूजन का कैसे पता लगाएं 
 
इस बीमारी का पता लगाने के लिए निम्न प्रकार की जांच होती है - 
 
1. एक्स रे - सबसे पहले छाती का एक्स-रे किया जाता है। जिससे पता लगाने की कोशिश की जाती है कोई तरल पदार्थ तो नहीं है। 

 
2. अल्ट्रासोनोग्राफी  - इसकी मदद से पता लगाया जा सकता है कि परत पर किसी तरह का द्रव मौजूद तो नहीं है। अगर होता है तो उसका सैंपल लेकर उसकी जांच कर सकते हैं। 
 
3. थेोरासेंटेसिस - इस प्रक्रिया में  चेस्ट रोग विशेषज्ञ द्वारा ही  सुई की मदद से ही फेफड़ों से पानी को निकलवाना चाहिए।

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

Pneumothorax

Happy Case story-न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax)

Case story by a Doctor- एक 64 साल के स्मोकर हमारे पास दाहिने सीने में तेज दर्द, श्वास में परेशानी के साथ आए। एक्स-रे  करवाने पर पता चला कि दाहिने फेफड़े में हवा भर गई।
मरीज को तुरंत भर्ती करवाने के बाद चेस्ट ट्यूब इंसर्ट किया जिससे मरीज को तुरंत आराम आया । मरीज मात्र चार दिन में ही ठीक हो गया एवम् चेस्ट ट्यूब निकाल कर छुट्टी कर दी गई।

न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax)-
संकुचित फेफड़ों को न्यूमोथोरैक्स कहते हैं और यह स्थिति तब आती है जब फेफड़ों और छाती की दीवार के बीच में हवा पास होती है। इससे फेफड़ों पर हवा बाहर की तरफ से दबाव बनाती है, जिससे यह सिकुड़ जाते हैं। 

न्यूमोथोरैक्स होने पर निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखाई दे सकते हैं :-

1. सीने में अचानक, तेज, चुभने वाला दर्द होना

2.तेजी से सांस लेना या सांस की तकलीफ ( dyspnea)

3. शरीर का नीला पड़ना, जिसे सायनोसिस के रूप में जाना जाता है (यह शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दर्शाता है)

4. हृदय गति का सामान्य से ज्यादा तेज होना

5. कम रक्त दबाव

6. चिंता का भाव बने रहना 

7. थकान महसूस होना

8. एक तरफ फेफड़े का विस्तार

यदि आपको इससे सम्बन्धित कोई भी परेशानी हो तो तुरंत अपने नजदीकी चेस्ट /रेस्पिरेटरी विशेषज्ञ को दिखाएं

न्यूमोथोरैक्स का निदान कैसे किया जा सकता है-
1.एक्स-रे

2. सीटी स्कैन 

3. थोरैसिक अल्ट्रासाउंड (Thoracic ultrasound)

न्यूमोथोरैक्स का उपचार कैसे किया जा सकता है-
1. सुई की आकांक्षा (needle aspiration), 
2. चेस्ट ट्यूब इंसर्शन (chest tube insertion)

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

NATIONAL DENGUE DAY

NATIONAL DENGUE DAY(16th MAY 2022)
#fever, #denguefever  #DenguePrevention 

बरसात के दिनों के साथ ही डेंगू (Dengue) के मामलों की शुरुआत हो जाती है. 

         यह एक प्रकार का बुखार (Fever) होता है जिसमें प्लेटलेट्स (Platelets) की संख्या कम हो जाती है. डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।
  
Dengue के लक्षण

1. डेंगू के मरीज को बुखार हो जाता है. 
2. ठंड लगने लग जाती है. 
3. सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाती है.
4. आंखों में दर्द शुरू हो जाता है. 
5. मरीज के शरीर में कमजोरी हो जाती है.

Dengue से बचने के उपाय

1. डेंगू से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप ऐसी किसी भी जगह पर जाने से बचें जहां जाने से डेंगू हो.
2. घर में और घर के आसपास सफाई रखें.
3. बारिश के मौसम में सावधानी बरतें
कूलर के पानी को हर दो तीन दिन में जरूर बदलें. 
4. गमले या सड़कों पर भी पानी जमा ना होने दें.
5. वहीं डेंगू होने पर पपीते के पत्तों या खानपान का ध्यान रखकर बचाव किया जा सकता है. 
Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

world lung day

World Lung Day: हर साल 25 सितंबर को दुनियाभर में विश्व फेफड़ा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को फेफड़ों के स्वास्थ्य (Health Of Lung) के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है. 
      भारत में फेफड़ों की बीमारियों के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इस सबका इलाज भी लोग नहीं करवाते हैं. 
             हम आपको उन बातों के बारे में बताते हैं जिनसे फेफड़ों के स्वस्थ होने या ना होने को तय किया जाता है.

1. लगातार खांसी: अगर आप हर सुबह लगातार खांसी के साथ उठते हैं और आप नियमित धूम्रपान करने वाले हैं या कुछ समय पहले ही छोड़ चुके हैं तो यह फेफड़ों की बीमारी के लिए रेड फ्लैग हो सकता है. 

2. सांस की तकलीफ: सीढ़ियां चढ़ते समय या जब आप ट्रेक के लिए जाते हैं, अगर आपको बहुत जल्दी या बहुत बार सांस लेने में तकलीफ होती है तो यह एक अंतर्निहित फेफड़ों की समस्या का संकेत भी हो सकता है. 

3.अत्यधिक बलगम उत्पादन:  संक्रमण से लड़ने के लिए वायुमार्ग द्वारा कफ का उत्पादन किया जाता है. हालांकि अगर यह छाती या गले में एक महीने से अधिक समय तक बैठता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि फेफड़े परेशानी में हैं और बीमारी के खतरे का संकेत दे सकते हैं.
4. लंबे समय तक सीने में दर्द:  अगर हंसने, खांसने या गहरी सांस लेने का अभ्यास करने पर दर्द बढ़ जाता है तो यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है.

5. आवाज में बदलाव:  अगर आप देखते हैं कि आपकी आवाज अचानक बहुत नरम हो गई है तो यह वोकल कॉर्ड फंक्शन की समस्या के कारण हो सकता है जिसके कारण आवाज बदल जाती है.

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)

World Patient Safety Day 2022

World Patient Safety Day 2022: 
             यह दिवस रोगियों, परिवारों, देखभाल करने वालों, समुदायों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल नेताओं और नीति निर्माताओं को रोगी सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए एक साथ लाता है.
             रोगी सुरक्षा के लिए वैश्विक जागरूकता पैदा करने और लोगों से स्वास्थ्य सेवा को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने का आग्रह करने के लिए 17 सितंबर को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (World Patient Safety Day) मनाया जाता है. 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2022 की थीम-

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2022 की थीम 'दवा सुरक्षा' है, जिसका नारा 'दवा बिना नुकसान' है.

क्या है विश्व रोगी सुरक्षा दिवस का उद्देश्य-
           विश्व रोगी सुरक्षा दिवस को माने के पीछे कुछ अहम उद्देश्य हैं. इनमें रोगी सुरक्षा की वैश्विक समझ को बढ़ाना सबसे बड़ा उद्देश्य है. इसके अलावा रोगी के स्वास्थ्य की देखभाल की सुरक्षा में सार्वजनिक सहभागिता बढ़ाने और उसकी हानि को कम करने के लिए वैश्विक कार्यों को बढ़ावा देना भी शामिल है. विश्व रोगी सुरक्षा दिवस को मनाने के पीछे वजह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के महत्व से जुड़े तथ्य के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना भी है.

Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)