BRONCHIECTASIS-
ब्रोन्किइक्टेसिस एक ऐसा रोग है जिसमें फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली श्वसन नलियां (Bronchial tubes) स्थिर रूप से क्षतिग्रस्त, चौड़ी या उनकी परत मोटी हो जाती हैं। इन क्षतिग्रस्त वायु नलियों से बैक्टीरिया फेफड़ों में आसानी से चले जाते हैं और बलगम पैदा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप बार-बार संक्रमण होना और वायुमार्ग रुकने जैसी समस्याएं होती हैं।
ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षण -
1. लंबे समय तक रोजाना खांसी होना
2. खांसी के साथ खून आना
3. सांस लेने के दौरान छाती से घरघराहट या कोई असामान्य आवाज़ आना
4. सांस फूलना
5. छाती में दर्द
6. रोजाना खांसी में अधिक मात्रा में गाढ़ा बलगम निकलना
7. वजन घटना
8. थकान
9. नाखूनों के नीचे की त्वचा मोटी बनना (Clubbing)
10. बार-बार श्वसन तंत्र में संक्रमण होना
यदि आपको उपरोक्त मे से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको जल्द से जल्द चेस्ट/ रेस्पिरेटरी डॉक्टर के पास जाकर स्थिति की जांच व उसका इलाज करवा लेना चाहिए।
ब्रोन्किइक्टेसिस के बचाव -
1. धूम्रपान, दूषित हवा, खाना पकाने के दौरान निकलने वाले धुएं और केमिकल आदि से बचाव रखने से आपके फेफड़े सुरक्षित रहते हैं और आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।
2. आपको और आपके बच्चों को फ्लू, काली खांसी और खसरा आदि से बचाव रखने वाले टीके लगवा लेने चाहिए
ब्रोन्किइक्टेसिस का इलाज -
ब्रोन्किइक्टेसिस का इलाज संभव नहीं है लेकिन इससे होने वाली समस्याओं को मैनेज करने के लिए इलाज की आवश्यकता पड़ती है।
A. श्वसन नलियों को साफ करने के तरीके (जैसे ब्रिथिंग एक्सरसाइज और छाती की फिजियोथेरेपी)
पल्मोनरी रिहेबिलेशन (Pulmonary rehabilitation)
B. टीकाकरण - श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमण की रोकथाम करने के लिए टीकाकरण करवाना।
C. संक्रमण का इलाज और उसकी रोकथाम करने के लिए (केवल चेस्ट/रेस्पिरेटरी विशेषज्ञ की सलाह से) एंटीबायोटिक दवाएं लेना,
श्वसन नलियों को खोलने के लिए ब्रोन्कोडायलेटर्स,
बलगम को पतला करने वाली दवाएं
एक्सपेक्टोरेंट्स
D.ऑक्सीजन थेरेपी
Written by-
Drx. Abhi
अभिषेक कुशवाहा
M.Pharm(pharmacology)
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